झूठा स्वीकारोक्ति - झूठी स्वीकारोक्ति तब होती है जब कोई व्यक्ति उस अपराध को स्वीकार करता है जो उसने किया ही नहीं, अक्सर दबाव, भ्रम या मनोवैज्ञानिक दबाव के कारण।

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